स्तोत्र 110
110 1 याहवेह मेरे प्रभु ने, राजा से कहा: “मेरे दायें पक्ष में विराजमान हो जाओ. तुम्हारे शत्रुओं को मैं तुम्हारे चरणों की चौकी बना रहा हूं.” 2 याहवेह ही ज़ियोन से आपके सामर्थ्यवान राजदंड का विस्तार करेंगे, “आपका शासन आपके शत्रुओं के मध्य बसा होगा!” 3 आपकी सेना आपकी लड़ाई के समय स्वेच्छा से आपका साथ देंगे, सबेरे गर्भ से जन्मी हुई ओस के समान पवित्रता से सुशोभित होकर आपके पास आएंगे आपके जवान. 4 यह याहवेह की शपथ है, जो अपने वक्तव्य से दूर नहीं होते: “तुम मेलखीज़ेदेक की शृंखला में सनातन पुरोहित हो.” 5 प्रभु आपके दायें पक्ष में तत्पर हैं; वह उदास होकर राजाओं को कुचल डालेंगे. 6 वह राष्ट्रों पर अपने न्याय का निर्णय घोषित करेंगे, मृतकों का ढेर लग जाएगा और संपूर्ण पृथ्वी के न्यायियों की हत्या कर दिय जाएगी. 7 तब महाराज मार्ग के किनारे के झरने से जल का पान करेंगे, उनका सिर गर्व से ऊंचा होगा.